23 दिन पहले अपहृर्त डेढ़ साल की बालिका मोरवी (गुजरात) से मिली

23 दिन पहले शंकराचार्य चौराहे से अपहृर्त डेढ़ साल की बालिका मोरवी (गुजरात) से मिली

मोबाइल टॉवर से फोन की लोकेशन तलाशते हुए आरोपी दंपत्ति तक पहुंची पुलिस टीम…

पकड़ाने के बाद दंपत्ति बोले…हमारे यहां बच्च नहीं था, पालने के लिये ले गये

दोनों हिरासत में, बालिका को परिजनों के सुपुर्द किया…

उज्जैन।23 दिन पहले शंकराचार्य चौराहे से अपहृर्त किशोरी को महाकाल पुलिस ने मोरवी गुजरात से बरामद किया। उसका अपहरण कर ले जाने वाले देवास के दंपत्ति को भी पकड़ा। बालिका का मेडिकल कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द किया गया। खास बात यह कि बालिका का सुराग लगाने के लिये पुलिस ने पीएसटीएन साफ्टवेयर की मदद ली और बालिका को सकुशल परिजनों तक पहुंचाया।

पुलिस ने मोरवी गुजरात से रितु पति अरविंद गोसर 24 वर्ष निवासी अमोना देवास और अरविंद पिता अशोक गोसर 29 वर्ष को हिरासत में लिया। उनके पास से राजेश मालवीय की डेढ़ वर्षीय बच्ची भी बरामद हुई। तीनों को पुलिस उज्जैन लेकर आई। यहां दंपत्ति ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद चार साल से बच्चा नहीं हो रहा था। उज्जैन घूमने आये थे। यहां बच्ची को धूल में खेलते देखा तो मातृत्व जागा इस कारण उसे पालने के लिये उठाकर ले गये थे।

यह था मामला

राजेश पिता रतनलाल मालवीय निवासी भेसूनी हालमुकाम मुल्लापुरा मार्ग शंकराचार्य चौराहा के 6 बच्चे हैं। राजेश मालवीय पत्नी के साथ पन्नी बीनने का काम करता है। 20 नवंबर को राजेश अपने बच्चों को घर पर छोड़कर पन्नी बीनने गया था। इसी दौरान एक मोटर सायकल पर सवार दंपत्ति उसकी 6 वर्षीय बेटी व डेढ़ वर्षीय बेटी को किसी बहाने से बाइक पर बैठाकर ले गये। बड़ी बेटी देवासगेट पुलिस को चामुण्डा माता चौराहे पर लावारिस हालत में मिली। नाम पता पूछने के बाद उसे महाकाल पुलिस को सौंपा। यहां राजेश मालवीय अपनी दोनों बेटियों के लापता होने की सूचना देने पहुंचा तो पुलिस ने बड़ी बेटी को उसके सुपुर्द किया साथ ही डेढ़ वर्षीय बालिका के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की।

लव मैरीज के कारण परिजनों से दूर हैं दंपत्ति

रितु गोसर ने बताया कि उसने अरविंद से लव मैरीज किया था। शादी के बाद बच्चे नहीं हुए। दोनों के परिवारजन लव मैरीज के खिलाफ होने के कारण अपना नहीं रहे थे। कहीं से बच्चा नहीं मिलने के कारण राजेश मालवीय के बच्चे को उठाकर पालने के लिये ले गये। पुलिस ने दोनों के बयान दर्ज करने के साथ बालिका का मेडिकल करायाऔर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।

ऐसे पकड़ाए दंपत्ति

मामले की जांच कर रहे थाने के एसआई मालवीय ने बताया कि घटना दिनांक व समय पर शंकराचार्य चौराहे पर एक्टिव मोबाइलों की लोकेशन व नंबर ट्रेस किये। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बाइक नंबर और बाइक पर बैठे दंपत्ति को भी देखा। उक्त बाइक पर दंपत्ति दोनों बच्चीयों को बैठाकर जूना सोमवारिया होते हुए चामुण्डा चौराहे तक कैमरे में कैद हुए थे। यहीं पर उनका मोबाइल भी पीएसटीन साफ्टवेयर की मदद से ट्रेस हुआ। सायबर सेल की मदद ली तो पता चला कि यह मोबाइल उज्जैन से देवास और उसके बाद मोरवी गुजरात में एक्टिव है। इसी आधार पर दंपत्ति की कैमरे में कैद फोटो, बाइक नंबर, मोबाइल नंबर के आधार पर मोरवी में दबिश दी गई।

पीएसटीएन क्या होता है और कैसे काम करता है?
क्कस्ञ्जहृ जिसे की हम पब्लिक स्विट्च्ड टेलीफोन नेटवर्क कहते है। यह एनालॉग टेक्नोलॉजी पर काम करने वाला सिस्टम है।यह सिस्टम टेलीफोन की सभी लाइन को स्विच करने के लिए काम में लिया जाता है। इस सिस्टम के साथ बहुत सारे टेलीफोन को एक साथ एक साफ्टवेयर पर लेकर उनकी सक्रियता के आधार पर सर्च किया जा सकता है। वर्तमान समय में इस टेक्नोलॉजी का उपयोग मोबाइल टॉवर के जरिए टॉवर सर्कलुर एरिए में एक्टिव चालू मोबाइल की लोकेशन पता करने में किया जाता है। पीएसटीएन सेवा का उपयोग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ही करती है। इसकी जानकारी सरकारी एजेंसियों के अतिरिक्त अन्य किसी को सार्वजनिक नहीं की जाती है।

 

 

 

 

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